चतुर खरगोश और शेर - Chatur Khargosh Aur Sher
एक समय की बात है, एक बड़े और घने जंगल में शेर राजा अपनी ताकत के लिए प्रसिद्ध था। सभी जानवर शेर से डरते थे, क्योंकि वह सबसे ताकतवर था। शेर ने जंगल में सभी जानवरों को अपनी आज्ञाओं का पालन करने का आदेश दिया था। लेकिन एक छोटा सा और चतुर खरगोश, जिसका नाम था टिंकू, किसी भी जानवर से डरता नहीं था और हमेशा अपनी चतुराई से समस्याओं का हल निकालता था।

शेर ने अपनी ताकत दिखाई
एक दिन शेर राजा ने जंगल के सारे जानवरों को इकट्ठा किया और कहा, "मैं जंगल का राजा हूं, और मैं चाहता हूं कि सब लोग मुझे अपनी श्रद्धा और आदर दें।" सभी जानवर डर से चुपचाप सुन रहे थे, क्योंकि किसी ने भी शेर की ताकत का विरोध नहीं किया था।
लेकिन टिंकू खरगोश को यह स्थिति ठीक नहीं लगी। वह सोचने लगा, "जंगल के सभी जानवर शेर से डरते हैं, लेकिन मुझे यह महसूस हुआ कि उसकी ताकत से ज्यादा उसकी सोच को चुनौती देना जरूरी है।" टिंकू ने ठान लिया कि वह शेर को उसकी ताकत से नहीं, बल्कि अपनी चतुराई से मात देगा।
शेर से चुनौती
टिंकू शेर के पास गया और बोला, "हे शेर राजा, मैं जानता हूं कि आप बहुत ताकतवर हैं, लेकिन मैं आपको एक चुनौती देना चाहता हूं।" शेर हंसा और कहा, "तुम जैसे छोटे से खरगोश को चुनौती देना तुम्हारी बेवकूफी है। तुम मुझसे कहां मुकाबला कर सकते हो?"
टिंकू ने कहा, "यदि आप मुझसे जीत सकते हैं, तो आप जंगल के राजा बने रहेंगे। लेकिन यदि मैं जीत गया, तो आप हमें और अधिक दबाने का अधिकार नहीं रखेंगे।" शेर ने अपनी मर्जी से चुनौती स्वीकार कर ली, क्योंकि उसे लगा कि एक छोटा सा खरगोश उसकी हार नहीं सकता।
चुनौती की शुरुआत
चुनौती यह थी कि शेर और टिंकू एक दौड़ में हिस्सा लेंगे। शेर अपनी ताकत पर इतना भरोसा करता था कि उसने दौड़ की शुरुआत में बहुत तेज़ी से दौड़ना शुरू किया। वहीं, टिंकू ने धीमी और समझदारी से शुरुआत की, क्योंकि उसे अपनी गति पर भरोसा नहीं था, लेकिन उसकी चतुराई पर पूरा यकीन था।
शेर दौड़ते हुए दूर चला गया, और वह सोचने लगा, "यह छोटा खरगोश तो बहुत पीछे रह जाएगा।" लेकिन टिंकू ने शेर को जल्दी ही हरा देने की योजना बनाई। दौड़ के बीच में, टिंकू ने शेर के लिए एक रास्ता बदल दिया। उसने जंगल के घने हिस्से से होकर शेर से पहले ही दौड़ने का रास्ता ढूंढ लिया। शेर इस बात से अनजान था और वह अपनी तेजी में खो गया था।
टिंकू की जीत
जब शेर दौड़ के अंतिम चरण में पहुंचा, तो उसने देखा कि टिंकू पहले ही लाइन क्रॉस कर चुका था। शेर को यह देखकर हैरानी हुई। उसे समझ में आ गया कि सिर्फ ताकत से काम नहीं चलता, बल्कि सही रणनीति और चतुराई से किसी भी समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।
शेर की सीख
शेर ने अपनी हार स्वीकार की और टिंकू से कहा, "तुम सच में बहुत चतुर हो, टिंकू। मैंने हमेशा अपनी ताकत पर विश्वास किया था, लेकिन तुमने दिखा दिया कि सही सोच और रणनीति से जीत हासिल की जा सकती है।"
टिंकू ने मुस्कुराते हुए कहा, "शेर राजा, ताकत से ज्यादा महत्वपूर्ण है दिमागी ताकत। हम अपनी समझदारी से किसी भी कठिनाई को पार कर सकते हैं।"
संदेश
"चतुर खरगोश और शेर - Chatur Khargosh Aur Sher" हमें यह सिखाती है कि ताकत और आकार से ज्यादा अहमियत हमारी सोच और चतुराई को है। कभी भी किसी को उसके आकार या शक्ति से आंकना नहीं चाहिए, क्योंकि दिमागी ताकत और सही रणनीति से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है। यह कहानी हमें यह भी बताती है कि खुद पर विश्वास और चतुराई से हम बड़ी से बड़ी चुनौती को भी हर सकते हैं।