Thursday, January 2, 2025

गिलहरी और नन्हे बच्चे - Gilahri Aur Nanhe Bachche

गिलहरी और नन्हे बच्चे - Gilahri Aur Nanhe Bachche

एक बार की बात है, एक छोटे से गांव के पास घने जंगल में एक छोटी सी गिलहरी रहती थी। उसका नाम चिंकी था। चिंकी बहुत ही चंचल और खुशमिजाज गिलहरी थी। वह दिनभर खेलती रहती और जंगल के पेड़ों पर कूदती-फांदती रहती। लेकिन उसे सबसे ज्यादा जो पसंद था, वह था अपने दोस्तों के साथ समय बिताना।

गिलहरी और नन्हे बच्चे की कहानी, जो परिश्रम और छोटे प्रयासों के महत्व को समझाती है।

गिलहरी की तरह ही एक छोटे से गांव में नन्हा बच्चा रामु भी रहता था। रामु बहुत प्यारा और भोला बच्चा था। वह हमेशा खुश रहता और अपनी मां के साथ खेतों में काम करता। वह जंगल के पास ही खेलता और हर दिन नन्हे-नन्हे फूलों को तोड़कर उन्हें अपनी मां को देता। रामु को जानवरों से बहुत लगाव था, खासकर गिलहरी से।

एक दिन की मुलाकात

एक दिन, जब रामु अपने घर के पास खेल रहा था, उसने देखा कि चिंकी एक पेड़ से कूदकर गिरने वाली थी। वह घबराया और दौड़ते हुए उसके पास गया। रामु ने चिंकी को अपनी गोदी में उठा लिया और उसे सुरक्षित स्थान पर रखा। चिंकी थोड़ा डर गई थी, लेकिन रामु की गोदी में आने के बाद उसे बहुत राहत मिली।

रामु ने चिंकी से कहा, "डरो मत, चिंकी। तुम सुरक्षित हो। अब तुम गिर नहीं सकती हो।"

चिंकी ने रामु को देखा और उसकी आंखों में कृतज्ञता दिखाई। वह बहुत खुश हुई कि कोई उसे बचाने के लिए दौड़ा और उसकी मदद की।

चिंकी का रामु को धन्यवाद

चिंकी ने रामु से कहा, "तुम बहुत अच्छे हो, रामु। मैं तुम्हारे जैसे अच्छे दोस्त के लिए हमेशा कृतज्ञ रहूंगी।"

रामु मुस्कुराया और बोला, "यह तो मैं हमेशा करूंगा। दोस्ती में मदद करना चाहिए।"

इसके बाद, चिंकी और रामु अच्छे दोस्त बन गए। वह रोज जंगल में एक-दूसरे से मिलते और साथ में खेलते। चिंकी ने रामु को जंगल की सारी चीज़ें दिखाईं और उसे यह सिखाया कि कैसे उसे पेड़ों पर चढ़ना और कूदना आता था।

गिलहरी का संदेश

कुछ समय बाद, एक दिन रामु ने देखा कि जंगल में कुछ जानवरों के लिए खाना कम हो गया था। पेड़ पर फल नहीं आ रहे थे और घास भी कम हो गई थी। चिंकी ने रामु से कहा, "हमें जंगल की रक्षा करनी चाहिए, ताकि यहां सबको खाना मिल सके।"

रामु ने चिंकी की बात मानी और वह जंगल के दूसरे बच्चों के साथ मिलकर जंगल को साफ करने लगा। उसने जंगल में आने-जाने वालों को समझाया कि उन्हें यहां पेड़ों की देखभाल करनी चाहिए और जंगल के वातावरण को सुरक्षित रखना चाहिए।

कहानी का संदेश

"गिलहरी और नन्हे बच्चे - Gilahri Aur Nanhe Bachche" हमें यह सिखाती है कि सच्ची दोस्ती में एक-दूसरे की मदद और समर्थन बहुत जरूरी होता है। रामु ने चिंकी की मदद की और चिंकी ने रामु को दोस्ती का महत्व समझाया।

यह कहानी यह भी बताती है कि जब हम अपने आस-पास के वातावरण का ख्याल रखते हैं और मिलकर काम करते हैं, तो हम अपने समाज को बेहतर बना सकते हैं। रामु और चिंकी ने मिलकर जंगल की सुरक्षा का प्रण लिया, और यह दिखाया कि छोटी सी मदद और समझदारी से हम बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

इससे यह भी सिखने को मिलता है कि दोस्ती में न केवल खुशी और मस्ती होती है, बल्कि एक-दूसरे की मदद करने की भावना भी होनी चाहिए।

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