खुशियों की बारिश - Khushiyon Ki Barish
एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक लड़की रहती थी, जिसका नाम पायल था। पायल अपने परिवार के साथ एक साधारण जीवन जीती थी। लेकिन पायल के मन में हमेशा एक अधूरी सी चाहत थी—वह अपने जीवन में खुशियों की बारिश महसूस करना चाहती थी। उसे लगता था कि खुशी पाने के लिए बड़े-बड़े सपनों का पूरा होना जरूरी है।

पायल हर दिन सोचती, "काश, मेरे पास बड़ी हवेली होती, ढेर सारा पैसा होता और मैं जो चाहूं, वो खरीद सकती। तभी मुझे सच्ची खुशी मिलेगी।" लेकिन उसके जीवन में सब कुछ सामान्य था। एक दिन, वह अपनी माँ के पास गई और बोली, "माँ, क्या हमें कभी खुशी नहीं मिलेगी? हमारे पास तो कुछ भी खास नहीं है।"
माँ मुस्कुराई और बोली, "पायल, खुशियों की बारिश बाहर से नहीं आती, यह हमारे दिल में बसती है। जब हम अपनी छोटी-छोटी चीजों में खुशी ढूंढना सीख जाते हैं, तो हर दिन हमारे लिए खुशियों की बारिश बन जाता है।"
पायल को यह बात समझ नहीं आई। उसी शाम, गाँव में एक मेला लगा। पायल और उसके दोस्त वहाँ गए। मेले में पायल ने देखा कि एक गरीब बच्चा, जिसके पास पहनने के लिए अच्छे कपड़े भी नहीं थे, एक गुब्बारे के साथ खेलकर बहुत खुश था। वह बच्चा अपनी छोटी-सी चीज़ में इतनी खुशी पा रहा था कि पायल को पहली बार समझ में आया कि खुशी सिर्फ बड़ी चीजों में नहीं होती।
पायल ने सोचा, "अगर यह बच्चा अपनी छोटी-सी दुनिया में इतना खुश हो सकता है, तो मैं क्यों नहीं?" उसने मेले में एक खिलौना खरीदा और उस बच्चे को दे दिया। बच्चा खिलौना पाकर इतना खुश हुआ कि उसकी आंखें चमक उठीं। पायल का दिल भर आया, और उसे महसूस हुआ कि दूसरों को खुशी देने से ही असली खुशी मिलती है।
उस रात पायल ने अपनी माँ से कहा, "माँ, आज मैंने समझा कि खुशियों की बारिश हमारे अच्छे कामों से शुरू होती है। जब हम दूसरों को खुश करते हैं, तो अपने दिल में भी खुशी महसूस होती है।"
माँ ने सिर पर हाथ फेरते हुए कहा, "बिलकुल सही, बेटी। खुशियों की बारिश तब होती है, जब हम अपने मन में संतोष रखते हैं और दूसरों के चेहरों पर मुस्कान लाने की कोशिश करते हैं।"
उस दिन के बाद, पायल ने छोटी-छोटी बातों में खुशी ढूंढनी शुरू कर दी। वह हर दिन किसी न किसी के लिए कुछ अच्छा करती। कभी किसी भूखे को खाना देती, तो कभी किसी बूढ़े की मदद कर देती। और सचमुच, उसके जीवन में हर दिन खुशियों की बारिश होने लगी।
"खुशियों की बारिश - Khushiyon Ki Barish" हमें यह सिखाती है कि खुशी बाहर की चीजों में नहीं, बल्कि हमारे दिल में होती है। दूसरों को खुशी देने, छोटी-छोटी चीजों में आनंद ढूंढने और संतोष से जीने में ही असली खुशी है।
तो, आइए, हम सब अपने जीवन में खुशियों की बारिश लाएं और इसे दूसरों के साथ भी साझा करें। क्योंकि जब हम दूसरों को खुश करते हैं, तो खुशी खुद हमारे पास दौड़ी चली आती है।
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