गौरैया और किसान - Gauraiya Aur Kisan
एक छोटे से गाँव में एक किसान अपनी खेती-बाड़ी करता था। उसका नाम रामु था और वह बहुत मेहनती और ईमानदार व्यक्ति था। रामु के पास एक खेत था, जिसमें उसने गेहूं और धान बोए थे। वह रोज़ खेतों में काम करता और दिन-रात अपनी मेहनत से खेती को बेहतर बनाने की कोशिश करता। लेकिन उसके खेत में एक छोटी सी समस्या थी – हर साल, जब गेहूं पकने के समय आता, तो एक छोटी सी गौरैया उसे नुकसान पहुँचाती। यह गौरैया बहुत चंचल और तेज़ थी।

गौरैया का नाम चुमकी था। वह हर साल रामु के खेत में आकर गेहूं के दाने चुगने में लग जाती। इस कारण रामु को बहुत परेशानी होती थी, क्योंकि उसकी मेहनत का एक बड़ा हिस्सा चुमकी की वजह से बर्बाद हो जाता। रामु ने बहुत कोशिश की थी कि चुमकी को अपने खेत से दूर रखे, लेकिन चुमकी का तरीका इतना चालाक था कि वह हर बार किसी न किसी तरह खेत में घुस जाती थी।
रामु का समाधान
रामु सोच में पड़ा कि आखिर वह क्या करे, ताकि चुमकी को अपने खेत से दूर रख सके। एक दिन, उसने अपने दोस्त मोहन से इस बारे में बात की। मोहन ने उसे एक तरीका सुझाया, "तुमको यह समझना होगा कि चुमकी सिर्फ अपनी भूख को शांत करने आती है। अगर तुम उसे कुछ और दे सको, तो वह तुम्हारे खेत में नहीं आएगी।"
रामु ने मोहन की सलाह मानी और उसने अपने खेत के पास एक छोटा सा दाना रखने की जगह बनाई, जहाँ वह चुमकी के लिए खास दाने रखता। चुमकी ने देखा कि अब उसे खेत में जाकर मेहनत करने की बजाय वहां दाने मिल जाते थे। उसे समझ में आ गया कि अब उसे रामु के खेत में नहीं आना पड़ेगा।
चुमकी और रामु की समझदारी
कुछ ही दिनों में, चुमकी ने रामु के खेत में आना बंद कर दिया। वह अब उन दानों के पास जाती थी, जिन्हें रामु ने उसे देने के लिए रखा था। रामु ने समझाया कि यदि हम किसी समस्या का समाधान शांति से और समझदारी से करें, तो हम बिना किसी नुकसान के अपने लक्ष्य को पा सकते हैं।
चुमकी भी समझ गई थी कि उसकी आदतें रामु के लिए नुकसानदायक हो सकती थीं, और उसने अपना रुख बदल लिया। अब वह रामु के खेत में नहीं आती, और दोनों के बीच एक अजीब सी दोस्ती बन गई थी। रामु ने भी महसूस किया कि चुमकी की मदद से उसने बिना किसी संघर्ष के अपनी फसल बचाई।
कहानी का संदेश
"गौरैया और किसान - Gauraiya Aur Kisan" यह कहानी हमें यह सिखाती है कि समस्याओं का समाधान हमेशा संघर्ष से नहीं, बल्कि समझदारी और शांति से किया जा सकता है। रामु ने यह साबित किया कि अगर हम अपने समाधान में दया और बुद्धिमानी का इस्तेमाल करें, तो हम किसी भी समस्या से बाहर निकल सकते हैं।
यह कहानी यह भी सिखाती है कि हर जीव की ज़रूरतों को समझकर हम उन्हें अपनी मदद से खुश कर सकते हैं। रामु ने चुमकी के साथ शांति से व्यवहार किया और उसकी आदतों को बदलने में सफल रहा, जिससे दोनों का जीवन आसान हो गया।
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