गिलहरी का बड़ा कारनामा - Gilahri Ka Bada Kaarnaama
जंगल में एक छोटी सी गिलहरी रहती थी जिसका नाम था टिकी। टिकी बहुत चतुर और मेहनती थी। वह हमेशा अपने कामों में सबसे आगे रहती थी और जंगल के हर जानवर से दोस्ती करती थी। लेकिन उसकी एक खासियत थी – वह कभी हार नहीं मानती थी, चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न आएं।

जंगल में एक दिन बहुत बड़ी समस्या पैदा हो गई। एक विशाल पेड़ की शाखा टूट गई थी और वह सारा रास्ता बंद कर दिया था, जिससे सभी जानवरों का आना-जाना बंद हो गया था। इस पेड़ के टूटने से जंगल का जीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया था। अब जंगल के सारे जानवर चिंतित थे क्योंकि उन्हें अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी को फिर से सामान्य करने के लिए रास्ते की जरूरत थी।
टिकी की चतुराई
सब जानवरों ने मिलकर सोचा कि इस समस्या का समाधान क्या हो सकता है, लेकिन किसी को भी सही रास्ता नहीं सूझ रहा था। तभी टिकी, जो अब तक शांत बैठी थी, अचानक बोली, "मैं इस समस्या का समाधान ढूंढ सकती हूं!"
टिकी का यह कहना था कि सभी जानवर उसे देखकर चौंक गए। जंगल में इतने बड़े पेड़ को हटाना कोई आसान काम नहीं था, और सभी जानवर सोचने लगे कि एक छोटी सी गिलहरी यह काम कैसे कर सकती है। लेकिन टिकी ने पूरी दृढ़ता से कहा, "आप लोग चिंता न करें, मैं इसे हल कर दूंगी।"
टिकी का बड़ा कारनामा
टिकी ने अपनी योजना बनाई। उसने पहले पेड़ की शाखाओं को देखा और पाया कि पेड़ का तना बहुत मजबूत था, लेकिन कुछ शाखाएँ ऐसी थीं जो टूट सकती थीं। उसने जल्दी से इन शाखाओं को पहचान लिया और उन्हें काटने के लिए चाकू का उपयोग किया।
फिर, उसने उन शाखाओं को इकट्ठा किया और एक मजबूत रस्सी बनाई। टिकी ने उस रस्सी का एक छोर पेड़ की ऊँची शाखा से बांधा और दूसरे छोर को ज़मीन पर रख दिया। अब वह रस्सी कुछ इस तरह काम करने लगी कि जब जानवर उस पर चढ़ते, तो वे पेड़ के दूसरे हिस्से से सुरक्षित रूप से गुजर सकते थे।
सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि टिकी ने यह सब बिना किसी मदद के किया। उसने अपने छोटे से शरीर और चतुराई का उपयोग करते हुए इस बड़ी समस्या का समाधान किया।
जंगल में नई सुबह
जैसे ही टिकी ने अपना काम पूरा किया, जंगल के सभी जानवर खुशी से झूम उठे। अब वे आसानी से उस रास्ते से जा सकते थे, जो पहले बंद था। इस छोटे से कारनामे ने जंगल के सभी जानवरों को यह सिखाया कि कभी भी किसी को छोटा नहीं समझना चाहिए।
टिकी का साहस और सूझबूझ देखकर सभी जानवरों ने उसकी बहादुरी की सराहना की। टिकी ने साबित कर दिया कि न केवल ताकत से, बल्कि अपने हौसले और मेहनत से भी बड़ी से बड़ी समस्याओं का हल निकाला जा सकता है।
कहानी का संदेश
"गिलहरी का बड़ा कारनामा - Gilahri Ka Bada Kaarnaama" हमें यह सिखाती है कि अगर हममें हिम्मत और आत्मविश्वास हो, तो हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं। टिकी ने यह साबित किया कि छोटी सी गिलहरी भी अपनी सूझबूझ और मेहनत से बड़ी समस्याओं को हल कर सकती है।
इस कहानी से यह भी संदेश मिलता है कि हर किसी के पास कोई न कोई खासियत होती है, और हमें अपने आत्मविश्वास को कभी कम नहीं होने देना चाहिए। किसी को छोटा समझने से पहले हमें यह सोचना चाहिए कि हर किसी में कुछ खास है, जो उसे बड़े काम करने में सक्षम बनाता है।
टिकी की तरह हमें भी अपने आत्मविश्वास और मेहनत पर विश्वास रखना चाहिए, क्योंकि वही हमें बड़े से बड़े कार्य करने की शक्ति देता है।
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