आलसी गधा और मेहनती बैल - Aalsi Gadha Aur Mehnati Bail
गाँव के पास एक छोटा सा खेत था, जहाँ दो जानवर रहते थे – एक आलसी गधा और एक मेहनती बैल। गधा हमेशा आराम करने में मग्न रहता, जबकि बैल खेतों में काम करने में व्यस्त रहता। दोनों की आदतें बिल्कुल अलग थीं, लेकिन एक दिन ऐसा कुछ हुआ, जिसने सबका नजरिया बदल दिया और साबित किया कि मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है।

गधा हमेशा सोचता, "मैं क्यों मेहनत करूँ? बैल काम करता है, तो मुझे आराम करने का पूरा हक है।". वह दिनभर घास चरता, धूप में सोता और कभी खेत में काम करने का नाम भी नहीं लेता। बैल, दूसरी ओर, सूरज की गर्मी में भी अपनी पूरी ताकत से खेतों में हल चलाता, बीज बोता और फसल काटता। उसकी मेहनत का कोई हिसाब नहीं था।
एक दिन गाँव में अचानक एक बड़ा तूफ़ान आ गया। तेज बारिश ने खेतों को नुकसान पहुँचाया और सारे फसल बह गए। गधा आराम से अपनी झोंपड़ी में सोता रहा, लेकिन बैल परेशान था। उसने खेतों को ठीक करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी। अगले कुछ दिनों में, वह बैल अकेला ही मिट्टी और बीज से खेतों को फिर से तैयार करने में जुटा रहा।
तूफ़ान के कुछ हफ्तों बाद, जब बाकी लोग परेशान और निराश थे, बैल ने अपने मेहनत के बल पर खेतों को फिर से हरा-भरा कर दिया। वहीं, गधा बस सोता रहा और उसका कोई काम नहीं था।
अब लोग बैल की मेहनत को सराहने लगे, और गधा यह समझ गया कि आराम और आलस्य से कुछ हासिल नहीं होता। उसे महसूस हुआ कि मेहनत ही असली ताकत है।
गाँव में इस घटना ने एक संदेश दिया: "आलसी गधा और मेहनती बैल - Aalsi Gadha Aur Mehnati Bail" की कहानी यह सिखाती है कि अगर आप किसी भी काम में आलस्य दिखाते हैं, तो आपको नुकसान उठाना पड़ता है। मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता उन्हीं को मिलती है जो ईमानदारी और मेहनत से काम करते हैं। गधा और बैल की तरह हमें अपनी आदतों को सुधारना चाहिए और मेहनत से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए। तो, क्या आप भी मेहनती बैल की तरह अपने रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं?
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